Operators and Expressions in C – (ऑपरेटर और एक्सप्रेशंस)

“हेल्लो दोस्तों! इस पोस्ट में हम ‘C प्रोग्रामिंग’ में उपयोग होने वाले Operators और Expressions के बारे में उदाहरण सहित पढ़ेंगे। नीचे इन ऑपरेटर्स का हिंदी में विवरण दिया गया है, जिनका उपयोग करके आप C भाषा में विभिन्न प्रकार की अंकगणितीय गणनाएं कर सकते हैं।”

1. ऑपरेटर और एक्सप्रेशंस (Operators and Expressions)

C प्रोग्रामिंग में ऑपरेटर ऐसे प्रतीक (symbols) होते हैं जो किसी विशिष्ट कार्य या गणना को करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। C में विभिन्न प्रकार के ऑपरेटर होते हैं जो अलग-अलग प्रकार की गणनाएं और क्रियाएं करने में सहायक होते हैं।

एक्सप्रेशन (Expressions) कई ऑपरेटरों और ऑपरेन्ड्स का संयोजन होते हैं जो कुछ परिणाम देते हैं। इन्हें मुख्य रूप से निम्नलिखित श्रेणियों में बांटा जा सकता है:

ऑपरेटर के प्रकार (Types of Operators)

C में ऑपरेटर मुख्यतः निम्नलिखित प्रकार के होते हैं:

  1. Arithmetic ऑपरेटर (Arithmetic Operators)
  2. Relational ऑपरेटर (Relational Operators)
  3. Logical ऑपरेटर (Logical Operators)
  4. Bitwise ऑपरेटर (Bitwise Operators)
  5. Assignment ऑपरेटर (Assignment Operators)
  6. Ternary ऑपरेटर (Ternary Operator)
  7. Increment/Decrement ऑपरेटर

1. Arithmetic ऑपरेटर (Arithmetic Operators)

C भाषा में, अंकगणितीय ऑपरेटर (Arithmetic Operators) का उपयोग विभिन्न गणितीय गणनाओं को करने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर मुख्य रूप से जोड़ (addition), घटाव (subtraction), गुणा (multiplication), भाग (division), और शेषफल (modulus) जैसी गणनाओं के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। नीचे इन ऑपरेटरों का वर्णन हिंदी में दिया गया है:

उदाहरण:


2. Relational ऑपरेटर (Relational Operators)

Relational ऑपरेटर का उपयोग दो वेरिएबल्स या मानों की तुलना करने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर बूलियन परिणाम (True या False) देते हैं।

C भाषा में Relational Operators का उपयोग दो मानों की तुलना करने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर दो Variables या मानों के बीच संबंध स्थापित करते हैं और परिणामस्वरूप Boolean मान (True या False) देते हैं। इनका उपयोग आमतौर पर शर्तों (Condition) की जाँच के लिए किया जाता है, जैसे if, while, या for Statement में। ये ऑपरेटर हमें यह तय करने में मदद करते हैं कि कौन सी शर्तें सही हैं और कौन सी नहीं, ताकि हम प्रोग्राम के flow को नियंत्रित कर सकें।

उदाहरण:


3. Logical ऑपरेटर (Logical Operators)

C भाषा में Logical Operators का उपयोग तार्किक क्रियाओं को करने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर मुख्य रूप से शर्तों की जाँच के लिए उपयोग किए जाते हैं और Boolean मान (True या False) देते हैं। तर्कसंगत ऑपरेटरों (Logical Operator) का उपयोग आमतौर पर if, while, या for स्टेटमेंट में किया जाता है ताकि एक से अधिक शर्तों का Evaluation किया जा सके।

Simple Words – Logical ऑपरेटर का उपयोग एक से अधिक Conditions को जोड़ने के लिए किया जाता है और Boolean (True या False) परिणाम देते हैं।

उदाहरण:


4. Bitwise ऑपरेटर (Bitwise Operators)

C Language में Bitwise Operators का उपयोग Bit-level operations के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर Binary Number System में Bits के आधार पर क्रियाएं करते हैं। Bitwise Operator मुख्य रूप से Binary Number के साथ काम करने के लिए उपयोग किए जाते हैं, जैसे कि Bitwise में हेरफेर करना, Bitwise को सेट करना, Clear करना या Toggle करना।

Definition: Bitwise ऑपरेटर बाइनरी डिजिट्स (bits) पर काम करते हैं। ये ऑपरेटर Binary Form में डेटा के साथ कार्य करते हैं।

उदाहरण:

इस प्रोग्राम में विभिन्न बिटवाइज ऑपरेटरों का उपयोग दिखाया गया है, जो बिट-स्तरीय संचालन को प्रदर्शित करता है।


5. Assignment ऑपरेटर (Assignment Operators)

C भाषा में Assignment Operators का उपयोग Variable को किसी मान को Assign (सौंपने) करने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर Variable में किसी गणना का परिणाम या value stored करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। असाइनमेंट ऑपरेटरों का सबसे सामान्य उदाहरण = है, जो वेरिएबल को एक विशिष्ट मान असाइन करता है। इसके अलावा, C में कुछ Joint Assignment ऑपरेटर भी हैं जो गणना और असाइनमेंट को एक साथ करते हैं।

उदाहरण:

इस प्रोग्राम में विभिन्न असाइनमेंट ऑपरेटरों का उपयोग करके दिखाया गया है कि वे वेरिएबल के मान को कैसे बदलते हैं।


6. Ternary ऑपरेटर (Ternary Operator)

Ternary Operator एक conditional operator होता है, जो if-else का विकल्प है। इसे ?: symbol से दर्शाया जाता है।

C भाषा में Ternary Operator को if-else Statement के रूप में उपयोग किया जाता है। इसे Conditional Operator भी कहा जाता है क्योंकि यह एक Condition की जाँच करता है और उसके आधार पर दो में से एक value लौटाता है। Ternary Operator का उपयोग decision लेने की condition के लिए किया जाता है, जहां हम condition के अनुसार Variable को एक मान देना चाहते हैं।

Syntax:-

उदाहरण:

#include <stdio.h>

int main() {
    int x = 11, y = 51;
    int max;

    // टर्नरी ऑपरेटर का उपयोग करके Maximum मान ढूंढना
    max = (x > y) ? x : y;

    printf("अधिकतम मान: %d\n", max);

    return 0;
}

7. Increment/Decrement ऑपरेटर

C भाषा में इनक्रिमेंट (++) और डिक्रीमेंट (--) ऑपरेटर का उपयोग Variable के मान को क्रमशः 1 से बढ़ाने या घटाने के लिए किया जाता है। ये ऑपरेटर Variable के मान में 1 का जोड़ (+) या घटाव (-) करते हैं

1. Increment Operator (++)

इनक्रिमेंट ऑपरेटर का उपयोग Variable के वर्तमान मान को 1 से बढ़ाने के लिए किया जाता है।

  • Pre-Increment (++a): पहले Variable का मान बढ़ाया जाता है और फिर उसे उपयोग किया जाता है।
  • Post-Increment (a++): पहले Variable का वर्तमान मान उपयोग किया जाता है और फिर उसे 1 से बढ़ाया जाता है।

2. Decrement Operator (--)

डिक्रीमेंट ऑपरेटर का उपयोग वेरिएबल के वर्तमान मान को 1 से घटाने के लिए किया जाता है।

  • Pre-Decrement (++a): पहले Variable का मान घटाया जाता है और फिर उसे उपयोग किया जाता है।
  • Post-Decrement (a--): पहले Variable का वर्तमान मान उपयोग किया जाता है और फिर उसे 1 से घटाया जाता है।

उदाहरण:

इस उदाहरण से स्पष्ट होता है कि प्री और पोस्ट इनक्रिमेंट/डिक्रीमेंट में कैसे अंतर होता है। प्री-इनक्रिमेंट/डिक्रीमेंट पहले वेरिएबल का मान बदलता है, जबकि पोस्ट-इनक्रिमेंट/डिक्रीमेंट बाद में वेरिएबल का मान बदलता है।


Operator Precedence & Associativity

C में जब कई ऑपरेटर एक साथ उपयोग किए जाते हैं, तो ऑपरेटर की Priority और Associativity यह निर्धारित करती हैं कि कौन सा ऑपरेटर पहले और कौन बाद में Execute होगा।

  1. प्रायोरिटी (Precedence): यह यह तय करती है कि कौन सा ऑपरेटर पहले Execute होगा। High Priority वाले ऑपरेटर पहले Execute होते हैं।
  2. एसोसिएटिविटी (Associativity): यह यह निर्धारित करती है कि एक Equal Priority वाले ऑपरेटरों का Execute किस दिशा से किया जाएगा। यह या तो बाएं से दाएं (left-to-right) या दाएं से बाएं (Right-to-Left) हो सकता है।

नीचे दी गई Table में ऑपरेटरों को उनकी Precedence के अनुसार क्रमबद्ध किया गया है (उच्चतम से निम्नतम)। साथ ही, उनकी Associativity भी दी गई है।

इस प्रकार, ऑपरेटर प्रेसीडेंस और एसोसिएटिविटी का सही ढंग से उपयोग करना प्रोग्राम को सही परिणाम देने में मदद करता है।


C Programming में ऑपरेटर और एक्सप्रेशंस का सही उपयोग करना आवश्यक है ताकि आप Mathematical Calculation और निर्णय लेने की प्रक्रियाएँ आसानी से कर सकें।

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